मंत्र

मंत्र श्री गणेश : वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ || Shree Ganesh Mantra : Vakra Tunndda Maha Kaaya Suurya Kotti Samaprabha

गणेश जी को प्रिय है यह मंत्र, इसका जप प्रात: जरुर करे |

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

हिन्दी अर्थ:
वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड
महाकाय : महा काया, विशाल शरीर
सूर्यकोटि : करोड़ सूर्य के समान
समप्रभ : महान प्रतिभाशाली
निर्विघ्नं : बिना विघ्न
कुरु : पूरे करें
मे : मेरे
देव : प्रभु
सर्वकार्येषु : सारे कार्य
सर्वदा : हमेशा, सदैव

एक साथ कहे तो :
हे घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली।
मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करने की कृपा करें |

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