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शनि अमावस्या 4 मई 2019 ,महत्त्व एवं विशेष उपाय

दोस्तों आज हम आपको शनि अमवस्या के बारे में बताने जा रहे है | इस पोस्ट में आप जानेगे शनि अमवस्या का महत्त्व और साथ ही जानेगे शनि देव को प्रसन्न करने के कुछ विशेष उपाय | तो आएये पोस्ट शरू करते है |

दोस्तों शनि अमावस्या साल 2019 में तीन बार है जोकि 5 जनवरी, 4 मई और 28 सितंबर को पड़ेगी और आगामी शनि अमावस्या 4 मई 2019 को है | शनिवार का दिन शनि देव जी को समर्पित है| शनिदेव का रंग श्यामवर्ण है और अमावस्या की रात्रि भी काली होती है। दोनों के ही गुणधर्म एक समान हैं। इसलिए शनिदेव को अमावस्या अधिक प्रिय है। पूर्व से ही अमावस्या पर शनिदेव का पूजन शास्त्री, आचार्य, तांत्रिक विशेष रूप से करते आये हैं।

मान्यता है कि शनि की कृपा का पात्र बनने के लिए शनिश्चरी अमावस्या को सभी शनि भक्तों को विधिवत शनि आराधना करनी चाहिए। पुराणों के अनुसार भी शनिश्चरी अमावस्या शनिदेव को अधिक प्रिय है।

शनि अमावस्या से जुड़े कुछ विशेष महत्व :-

धन प्राप्ति के लिए :-
दोस्तों जो व्यक्ति अपनी गरीबी से परेशान हो वे इस दिन धन की प्राप्ति के लिए कनक धारा स्त्रोत का पाठ, दुर्गा सप्तशती चरित्र का पाठ, अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ वैदिक विधि से करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपार सम्पत्ति प्राप्त कराती हैं।

पितृ दोष मुक्ति के लिए :-
पुराणों के अनुसार पितृ दोष की शांति के लिए इस दिन नांदी श्राद्ध कराना चाहिए |

शनि की शांति के लिए :-
जिन व्यक्तियों की शनि की ढैया या साढ़े साती चल रही हो वे शनि की ढैया एवं साढ़े साती की शांति के लिए शनि ग्रह के तांत्रिक एवं वैदिक बीज मंत्रों का जाप इस दिन अवश्य करे और इसके साथ ही शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे काला वस्त्र, काले तिल,सरसों का तेल, , उड़द की दाल,  लोहे का सामान, कली छतरी,  काले जूते,  कंबल,  भैंस,  काली गाय का दान यथा शक्ति दे | जोकि उन्हें अवश्य ही शुभ फल प्रदान करेगा।

शनि का बीज मंत्र :

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।

शनि का वैदिक मंत्र :

ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।

शनि का तांत्रिक मंत्र :

ॐ शं शनैश्चराय नमः।।

दोस्तों शनि मंत्र का 108 बार जप का विडीयो आप इस देख सकते है

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